मित्रों, नमस्ते,

विवाह, दाम्पत्य और परिवार – जी हाँ, इनमें समस्याएँ तो अनेक हैं | कुछ उदाहरण –

  • विलंबित (delayed) विवाह, डायवोर्स की दर
  • विवाह-सम्बंधित अपराध
  • पश्चिमी, अब्राहमिक और वामपंथी विचारधाराओं द्वारा बार-बार होने वाले आघात और आक्रमण

समस्या की जड़ें गहरी हैं; और इसके दूरगामी परिणाम बहुत भयावह | इसलिए, आइए, समाधान के विषय में चर्चा करें ।

सैकड़ों युवाओं से बात करने के बाद, हम जानते हैं कि सावधानीपूर्वक तैयार किए गए मार्गदर्शन और कम्पेटिबिलिटी प्रणाली से इस समस्या का समाधान किया जा सकता है। सूत्रम एक ऐसी ही प्रणाली है।

समस्या जिस स्तर पर उत्पन्न हुई है, समाधान उस स्तर पर कदापि नहीं मिलेगा | उपरोक्त समस्याएँ मात्र “मैचमेकिंग” से नहीं सुलझेंगी; इसीलिए सूत्रम |

मार्गदर्शन किसलिए ? – सूत्रम सिस्टम मैचमेकिंग तक ही सीमित नहीं है | यह पद्धति परिवार की सुदृढ़ आधारशिला रखने में सहायक रहेगा | सूत्रम दंपत्ति अपने सामर्थ्य / संकल्प के अनुसार एक, दो या तीनों उद्देश्य साधते हुए एक विशिष्ट पहिचान वाला परिवार बनाते हैं – (1) संस्कृति का पालन (2) परिवार हेतु नैतिक समृद्धि और (3) समाज के लिए सार्थक (significant) योगदान देना | (सूत्रम प्रशिक्षण अद्वित समृद्धि फ्रेमवर्क पर आधारित है )

आप यह भी अवश्य पढ़ें –

मार्गदर्शन और प्रशिक्षण क्यों? श्रीमद्भगवद्गीता में एक सुन्दर अभिव्यक्ति है – लोकसंग्रह – अर्थात, समाज में सामान्यतः क्या धारणाएँ व्याप्त हैं (?) | लोकसंग्रह समाज के भविष्य का दिशा-निर्धारण करता है | विवाह, दाम्पत्य और परिवार के लिए हमारा “लोकसंग्रह” क्या है? आदर्श परिवार-व्यवस्था किसी भी राज्य-व्यवस्था, समाज-व्यवस्था के लिए रीढ़ की हड्डी होती है, आइए, एक अच्छी पहल करें |

इस उद्देश्य के लिए समर्पित वेबसाइट पर आपका स्वागत है । यह हिन्दू संस्कृति से जुड़े हुए प्रत्येक वर्ग के लिए उपयोगी है । यदि आपके पास कोई सुझाव है या आप मुझसे बात करना चाहते हैं, तो निम्नांकित फॉर्म का उपयोग करें; मैं स्वयं उत्तर दूंगा; मुझे प्रसन्नता होगी।

भवदीय,
डॉ. अरविन्द अग्रवाल,
नवीं मुम्बई

Namaste friends,

Marriage, married life and the family – yes, there are several problems in these matters. Few examples – 

  • Delayed marriages, Divorce rate 
  • Marital crime 
  • Recurring nuisance and attack by the western, Abrahamic and leftists ideologies 

The roots of the crisis run deep; and its long-term consequences are very scary. Hence, let us talk about solutions.

After talking to hundreds of youth, we know that with a carefully designed guidance and compatibility system, this crises can be resolved. Sootram is one such system.

The solution will never be found at the same level at which the problem has erupted. The problems mentioned above will not be solved by mere “matchmaking”; That’s why Sootram.

Guidance, for what? Sootram is not limited to matchmaking. This system facilitates beginning the family with strong foundations. Each Sootram couple, according to their determination and capacity, create a family with a distinct identity by pursuing one, two or all the three of these goals – (1) firmly following the culture (2) pursuing ethical prosperity for the family and (3) making significant contributions to the community at large. (The Sootram modules are based on Addwit Framework for Prosperity).

You may also explore –

Why guidance? There is a beautiful expression in Shri Madbhagvatgita – Loksamgraha – which implies, generally what are the narratives circulating in the society (?). Loksangraha determines the direction and future of the society. What is our “Lokasangraha” about marriage, married life and family? Ideal family system is the backbone of a healthy state machinery and social system, let’s join hands in making a good beginning!

Welcome to a dedicated website for this purpose. It is useful for every segment of society connected with Hindu culture. If you have any suggestions or want to talk to me, then please use the following form; I will answer myself. I would be glad to do so.

Yours sincerely, 
Dr. Arvind Agarwal
Navi Mumbai

Feedback, Suggestion